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अब स्व सहायता समूह चलाएंगे उचित मूल्य (राशन) की दुकान ,मध्य प्रदेश में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में शिवराज सरकार ने बढ़ाया एक और कदम Digital Education Portal

सवा दो हजार राशन दुकानों का भी संचालन करेंगे स्व सहायता समूह। सहकारिता विभाग ने खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग को दिया प्रस्ताव।Images282292799270048884607469.मध्य प्रदेश में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में शिवराज सरकार ने बढ़ाया एक और कदम

भोपाल (राज्य ब्यूरो)। मध्य प्रदेश में महिलाओ को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार ने एक कदम और बढ़ा दिया है। अब महिला स्व सहायता समूह उचित मूल्य की राशन दुकान भी चलाएंगे। सहकारिता विभाग ने उन सवा दो हजार दुकानों को छोड़ने पर सहमति दे दी है, जिनमें सेल्समैन नहीं हैं। खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग इन दुकानों का संचालन राज्य ग्रामीण आजीविका मिश्ान से जुड़े स्व सहायता समूहों से करवाएगा। इसके लिए समूहों को चिन्ह अंकित करने का काम भी प्रारंभ हो गया है। इससे महिलाओं को जहां रोजगार मिलेगा, वहीं राशन वितरण की व्यवस्था भी दुरुस्त होगी।सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत प्रदेश में 23 हजार उचित मूल्य की राशन दुकानों से एक करोड़ 11 लाख परिवारों को प्रति माह एक रुपये की दर से गेहूं, चावल और नमक का वितरण किया जाता है। इनमें से 16 हजार 331 दुकानें प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां संचालित करती हैं। इनमें सवा दो हजार दुकानों में सेल्समैन नहीं हैं। यहां दूसरी दुकानों के सेल्समैनों से खाद्यान्न वितरण कराया जाता है। समय पर सेल्समैन के न आने से उपभोक्ताओं को परेशानी होती है।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विभागीय समीक्षा के दौरान प्रत्येक उचित मूल्य की दुकान पर सेल्समैन नियुक्त करने के साथ दुकानों का संचालन स्व सहायता समूहों को देने के निर्देश दिए थे। सहकारिता विभाग ने दो हजार 100 दुकानें चिन्हित कर खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग को बता दी हैं। खाद्य संचालक दीपक सक्सेना ने बताया कि सहकारिता विभाग से प्राप्त सूची को मध्य प्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन को परीक्षण के लिए भेजा है। मिशन स्व सहायता समूहों से चर्चा करके बताएंगे कि कौन-कौन से समूह राशन दुकानों का संचालन करेंगे। इसके आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा.राशन की गड़बड़ी पर लगेगा अंकुशखाद्य,नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों का मानना है कि महिला स्व-सहायता समूहों को राशन वितरण के काम से जोड़ने पर गड़बड़ियों पर भी अंकुश लगेगा। अभी सेल्समैन नहीं होने से समितियां मनमर्जी करती है। निवाड़ी और राजगढ़ में निगरानी नहीं होने के कारण उपभोक्ताओं को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के खाद्यान्न में से एक का ही राशन मिलने के मामले सामने आए हैं। कुछ अन्य जगहों पर कम राशन दिए जाने की शिकायतें भी मिली हैं।दुकान संचालन के लिए मिलते हैं सवा आठ हजार रुपयेसहकारिता विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राशन दुकान के संचालन के लिए खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग सवा आठ हजार रुपये प्रतिमाह देता है। इसमें छह हजार रुपये सेल्समैन का मानदेय और सवा दो हजार रुपये दुकान के संचालन के लिए मिलते हैं। अब यह राशि स्व सहायता समूहों को मिलेगी।बहुद्देश्यीय बनाई जाएंगी दुकानेंशासकीय उचित मूल्य की दुकानों को सिर्फ खाद्यान्न् वितरण तक सीमित नहीं रखा जाएगा। सरकार ने इन्हें बहुद्देश्यीय दुकानों में परिवर्तित करने का निर्णय लिया है। इसमें समिति अन्य उपभोक्ता उपयोग की वस्तुएं भी रख सकेगी। इससे समिति और स्व सहायता समूह की आमदनी बढ़ेगी और उपभोक्ताओं को भी एक स्थान पर रोजमर्रा के उपयोग की वस्तुएं मिल जाएंगी। सामग्री की आपूर्ति के लिए सहकारिता विभाग निविदा आमंत्रित करने जा रहा है।

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