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कोविड-19 के दौरान जानें ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर #OxygenConcentrator के बारे में स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय ने जारी किया नोटिफिकेशन

देश कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है। ऐसे में संक्रमणों के बढ़ने से सक्रिय मामलों की संख्या में खतरनाक वृद्धि हुई है। इसके परिणाम स्वरूप हमारे सार्वजनिक स्वास्थ्य का ढांचा तनाव में है और ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटरों की मांग बढ़ गई है।

➡️What is an #OxygenConcentrator?

➡️When does one require it ?

➡️How is to be used/not used ?

➡️Can we use them on our own?

Experts answer to queries reg. #Oxygen Concentrator📗

ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर 🤷 क्या होते हैं?

तो आइये जल्दी से जानें कि वास्तव में ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर क्या होते हैं, उनकी कब आवश्यकता होती है और उनका उपयोग कैसे किया जाता है या कैसे नहीं किया जाता।
कोविड-19 के दौरान जानें ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर #Oxygenconcentrator के बारे में स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय ने जारी किया नोटिफिकेशन 9

तो आइये जल्दी से जानें कि वास्तव में ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर क्या होते हैं, उनकी कब आवश्यकता होती है और उनका उपयोग कैसे किया जाता है या कैसे नहीं किया जाता।

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कोविड-19 एक श्वसन रोग है जो हमारे फेफड़ों को प्रभावित करता है।

जीवित रहने के लिए हमें ऑक्सीजन की लगातार आपूर्ति की आवश्यकता होती है, जो हमारे फेफड़ों से शरीर की विभिन्न कोशिकाओं में प्रवाहित होती है। कोविड-19 एक श्वसन रोग है जो हमारे फेफड़ों को प्रभावित करता है और जिससे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा खतरनाक स्तर तक गिर सकती है। ऐसी स्थिति में शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को चिकित्सकीय रूप से स्वीकार्य स्तर तक बढ़ाने के लिए हमें ऑक्सीजन का उपयोग करके चिकित्सकीय ऑक्सीजन थेरेपी देने की जरूरत पड़ती है।

क्या होता है ऑक्सीजन सेचूरेशन 🗣️(एसपीओ-टू’)

शरीर में ऑक्सीजन का स्तर ‘ऑक्सीजन सेचूरेशन’ के रूप में मापा जाता है जिसे संक्षेप में ‘एसपीओ-टू’ कहते हैं। यह रक्त में ऑक्सीजन ले जाने वाले हीमोग्लोबिन की मात्रा का माप है। सामान्य फेफड़ों वाले एक स्वस्थ व्यक्ति की धमनी में ऑक्सीजन सेचूरेशन 95% – 100% का होता है।

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कब 🤷 होती हैं चिकित्सकीय ​​आपात स्थिति ?

विश्व स्वास्थ्य संगठन के पल्स ऑक्सीमीट्री पर बनाए गये प्रशिक्षण मैनुअल के अनुसार यदि ऑक्सीजन सेचूरेशन 94% या उससे कम हो तो रोगी को जल्द इलाज की जरूरत होती है। यदि सेचूरेशन 90% से कम हो जाय तो वह चिकित्सकीय ​​आपात स्थिति मानी जाती है।

कब 🤷 जरूरत होती है हॉस्पिटलाइजेशन 🛌 की?

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कोविड-19 के वयस्क रोगियों के प्रबंधन के लिए नवीनतम चिकित्सकीय मार्गदर्शन के अनुसार कमरे की हवा पर 93% या उससे कम ऑक्सीजन सेचूरेशन हो तो मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता होती है, जबकि 90% से कम सेचूरेशन की हालत में मरीज को आईसीयू में रखा जाना लाज़मी है। ऐसे में महामारी की दूसरी लहर के कारण पैदा हुए हालात को देखते हुए, हमें क्लिनिकल प्रबंधन प्रोटोकॉल के अनुसार अस्पताल में प्रवेश में देरी या असमर्थता की स्थिति में मरीज के ऑक्सीजन स्तर को बनाए रखने के लिए जो कुछ भी हमसे सर्वश्रेष्ठ हो सकता है वह करना चाहिए।

ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर कैसे काम करता है?

हम जानते हैं कि वायुमंडल की हवा में लगभग 78% नाइट्रोजन और 21% ऑक्सीजन होती है। ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर एक सरल उपकरण हैं जो ठीक वही करता हैं जो इसके नाम से व्यक्त होता है। ये उपकरण वायुमंडल से वायु को लेते हैं और उसमें से नाइट्रोजन को छानकर फेंक देते हैं तथा ऑक्सीजन को घना करके बढ़ा देते हैं।

ये ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर शरीर के लिए जरूरी ऑक्सीजन की आपूर्ति में उसी तरह से करते हैं जैसे कि ऑक्सीजन टैंक या सिलेंडर। एक केन्युला (प्रवेशनी), ऑक्सीजन मास्क या नाक में लगाने वाली ट्यूबों के जरिये। अंतर यह है कि, जबकि सिलेंडरों को बार बार भरने (रिफिल) की जरूरत पड़ती है, ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर चौबीसों घंटे सातों दिन काम कर सकते हैं।

तो, उनका उपयोग कौन कर सकता है, और कब?

क्या इसका मतलब यह है कि जो भी अपने ऑक्सीजन के स्तर को स्वीकार्य स्तर से नीचे पाता है, वह एक कॉन्सेंट्रेटर का उपयोग कर सकता है और खुद की मदद कर सकता है? जवाब है बिलकुल नहीं।

कॉन्सेंट्रेटर के सही उपयोग पर पीआईबी से बात करते हुए, बी. जे. मेडिकल कॉलेज, पुणे के एनेस्थीसिया विभाग के  प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष प्रो. संयोगिता नाइक ने कहा कि “ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर का उपयोग केवल कोविड-19 के सीमित मामलों में किया जा सकता है। वह भी जब रोगी ऑक्सीजन के स्तर में गिरावट का अनुभव करता है और उसकी बाहर से ऑक्सीजन लेने की आवश्यकता अधिकतम 5 लीटर प्रति मिनट होती है।”

उन्होंने कहा कि “ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर पोस्ट-कॉविड जटिलताओं का सामना करने वाले रोगियों के लिए भी बहुत उपयोगी होते हैं जिन्हें ऑक्सीजन थेरेपी की आवश्यकता होती है।”

क्या उन्हें हम अपने आप इस्तेमाल कर सकते हैं?

उत्तर है बिलकुल नहीं। 30 अप्रैल को पीआईबी द्वारा आयोजित एक वेबिनार में बोलते हुए सेंट जॉन मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल, बैंगलोर, के कोविड को-ऑर्डिनेटर डॉ. चैतन्य एच. बालाकृष्णन ने यह बहुत स्पष्ट किया कि बिना चिकित्सीय मार्गदर्शन के ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर का उपयोग करना अत्यंत हानिकारक हो सकता है। “कोविड-19 से पैदा हुए न्यूमोनिया में 94 प्रतिशत से कम ऑक्सीजन सेचूरेशन वाले रोगियों को ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर से पूरक ऑक्सीजन दी जाने से लाभ हो सकता है। मगर तभी तक जब तक कि वे अस्पताल में नहीं भर्ती हो जाते। हालांकि, बिना उपयुक्त चिकित्सकीय सलाह के इसका इस्तेमाल करने वाले मरीजों के लिए ऐसा करना हानिकारक हो सकता है।”

डॉ. चैतन्य ने कहा, “जब तक आपको अस्पताल में बिस्तर नहीं मिलता, तब तक ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर फायदेमंद हो सकता है, लेकिन निश्चित रूप से वक्ष चिकित्सक या आंतरिक चिकित्सा विशेषज्ञ से मार्गदर्शन के बिना नहीं। यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि मरीज के फेफड़ों की हालत पहले से कैसी है।”

प्रो. संयोगिता का भी यह कहना है कि कॉन्सेंट्रेटर की खरीद और उपयोग दोनों ही एक मेडिकल डॉक्टर के पर्चे के आधार पर किए जाने चाहिए। क्षमता के आधार पर, ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर की कीमत 30,000 रुपये से ऊपर होती है।

भारत में ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटरों का बाज़ार

भारत में ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटरों के निर्माण और बिक्री में बड़ा उछाल देखा गया है। बहुराष्ट्रीय ब्रांडों के अलावा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के ‘सेंटर फॉर ऑगमेंटिंग वॉर विद कोविद 19 हेल्थ क्राइसिस’ कार्यक्रम के तहत वित्त पोषित कई भारतीय स्टार्ट-अप ने भी कुशल और लागत प्रभावी ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर विकसित किये हैं।

कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान उनकी उपयोगिता को देखते हुए पीएम केयर्स फंड के जरिये एक लाख ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर खरीदे जा रहे हैं।

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