मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव 2022: गांव की सरकार में सभी महिलाएं निर्विरोध चुनी गईं, तो पंचायत को मिलेंगे 15 लाख Digital Education Portal

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंचायतों के लिए एक करोड़ रुपए के इनामों की घोषणा कर दी
पंचायत चुनावों की आचार संहिता लगने से ठीक डेढ़ घंटे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंचायतों के लिए एक करोड़ रुपए के इनामों की घोषणा कर दी। इसमें निर्विरोध निर्वाचन, सिर्फ महिलाओं की पंचायत होने के साथ-साथ विकास के काम करने और आधारभूत सुविधाओं में अव्वल आने वाली ग्राम पंचायत को 5 लाख से लेकर 50 लाख रुपए तक मिलेंगे।
मुख्यमंत्री ने घोषणाओं का ट्वीट सुबह 9:50 से दस बजे के बीच किया। जबकि 11:30 बजे राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव का ऐलान कर दिया। इससे ठीक 20 मिनट पहले घोषणाओं से जुड़े आदेश भी जारी हो गए, जिन पर 26 मई की तारीख लिखी हुई थी। इस बीच 21 पुलिस अफसरों के भी ट्रांसफर कर दिए।
घोषणाओं के आदेश 26 मई को बने, जारी अब हुए
स्वच्छता, स्वास्थ्य में अच्छा काम तो मिलेंगे 50, 25, 15 लाख रुपए
किसी ग्राम पंचायत में यदि सरपंच निर्विरोध चुना जाता है तो 5 लाख, लगातार दूसरी बार निर्विरोध तो 7 लाख, सरपंच और सभी पंच निर्विरोध तो 7 लाख, सभी महिला निर्वाचित तो 12 लाख, सभी महिलाएं निर्विरोध तो 15 लाख रु. मिलेंगे। विकास के लक्ष्य पूरे करने वाली पंचायतों को पुरस्कार मिलेगा। पोषण, पेयजल, पौधरोपण, स्वास्थ्य और स्वच्छता में काम करने वाली पंचायतों को भी इनाम मिलेगा। प्रथम स्थान वाले को 50 लाख, दूसरे को 25 लाख, तीसरे को 10 लाख रु. मिलेंगे।
ये भी आदेश… पुजारियों को मानदेय, गुरुकुल के बच्चों को आर्थिक मदद
- राज्य पुलिस सेवा में उप पुलिस अधीक्षक, सहायक सेनानियों के 21 अफसरों के तबादले।
- महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान केे 90 गुरुकुल में आर्थिक सहायता के आदेश। इनमें एक से 5वीं तक प्रति छात्र 8000 रु. देंगे। 600 रु. छात्र या अभिभावक के खाते में जाएंगे।
- धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग ने मंदिर के पुजारियों व सेवादारों के मानदेय का आदेश निकाला। जिन मंदिरों के पास कृषि भूमि नहीं, वहां 5000 रु. हर माह, जिनके पास 5 एकड़ जमीन हैं, वहां 2500 रु. देंगे।
- जिन मंदिरों के पास 5 से 10 एकड़ जगह है वहां 2000 रुपए प्रतिमाह मिलेंगे। जिनके पास 10 एकड़ से अधिक जगह हैं, वहां कोई मानदेय नहीं मिलेगा। यह आदेश एक मई से प्रभावी होगा।
- सात दिन से खाली चल रहे गुना एसपी के पद पर 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी व शाजापुर एसपी पंकज श्रीवास्तव की नियुक्ति की गई है। इसी तरह उज्जैन में एसपी (पीटीएस) रहे जगदीश डाबर को शाजापुर एसपी पदस्थ किया गया।
आचार संहिता में क्या-क्या हो सकेगा
– कैबिनेट की बैठक होगी, लेकिन चुनाव को प्रभावित करने वाला कोई फैसला नहीं होगा। जन कल्याण के जरूरी फैसले ले सकेंगे।
– पंचायतों में सांसद, विधायक, मंत्री स्वेच्छानुदान राशि, जनसंपर्क निधि, विकास निधि स्वीकृत नहीं कर सकेंगे।
– किसी योजना या जनउपयोगी सुविधा का शिलान्यास या उद्घाटन नहीं होगा।
– पूजा के किसी भी स्थल जैसे की मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरुद्वारा आदि का उपयोग नहीं किया जा सकेगा।
नामांकन फार्म के साथ जमा होगी राशि
पंचायत सदस्य के लिए 8 हजार, जनपद पंचायत सदस्य के लिए 4 हजार सरपंच के लिए 2 हजार और पंच के लिए 400 रुपए जमा करने होंगे। अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिलाओं के लिए यह राशि आधी जमा करना होगी।
सभी सरकारी शिक्षकों की छुट्टियां निरस्त
स्थानीय निकाय चुनावाें के चलते स्कूल शिक्षा विभाग ने सरकारी शिक्षकों की 9 जून तक तय गर्मी की छुटिट्यां निरस्त कर दी हैं।
पिछली बार 2 लाख 29 हजार 893 पंचायत प्रतिनिधि निर्विरोध जीते थे
प्रदेश की पंचायतों में पिछली बार (साल 2014–15) कुल 3 लाख 91 हजार 66 पदों के लिए चुनाव होने थे। इनमें से 2 लाख 29 हजार 893 पंचायत प्रतिनिधि निर्विरोध निर्वाचित हुए। यानी सिर्फ 1 लाख 29 हजार 198 पदों के लिए चुनाव हुआ। जिला पंचायतों के अध्यक्ष का चुनाव सीधे नहीं होता है। जिला पंचायत सदस्य का चुनाव सीधे होता है, चुने गए सदस्य ही अध्यक्ष का चुनाव करते हैं। पिछली बार जिला पंचायत के 841 सदस्यों में से 5 सदस्य निर्विरोध जीते। जबकि 836 के लिए चुनाव हुआ। जनपद सदस्यों के 6774 पदों में से 99 पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ। इसी तरह 22604 सरपंच के पदों में से 539 सरपंच निर्विरोध चुने गए। इसी तरह नगर निगम, नगरपालिका और नगर परिषद में कुल मिलाकर 86 पदों पर जन प्रतिनिधि निर्विरोध चुने गए थे।
नगर निगमों के चुनाव में 7 पार्षद निर्विरोध निर्वाचित हुए थे। भोपाल, इंदौर और कटनी ननि में दो-दो तथा ग्वालियर के एक वार्ड में पार्षद निर्विरोध चुने गए थे। नरसिंहपुर जिले की तेंदूखेड़ा नगर परिषद के अध्यक्ष पद पर भाजपा उम्मीदवार निर्विरोध चुनी गई थीं। इसी परिषद में 12 पार्षद भी निर्विरोध चुने गए थे। यह नगर परिषद समरसता के मामले में मिसाल रही। इसी तरह नगरपालिकाओं में 32 और नगर परिषदों के 46 पार्षद निर्विरोध चुने गए थे।
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